umesh pal wiki
Photo: youtube.com/watch?v=37InPplYwOI

करीब 18 साल पहले जब राजू पाल की हत्या हुई थी तभी से ही उमेश की हत्या (Umesh Pal Murder) की नींव भी पड़ी थी। राजू पाल को इंसाफ दिलाने के लिए आखिरी सांस तक डटे रहे उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। चलिए जानते हैं कि कौन था उमेश पाल (who was Umesh Pal?) ,कौन है पूजा पाल? अतीक अहमद के साथ उसके क्या संबंध है ? कौन लोग इस हत्या में शामिल है और राजू पाल और उमेश पाल के बीच क्या संबंध थे?

कौन था उमेश पाल (Kaun tha Umesh Pal)

उमेश पाल (Umesh Pal Wiki) के करीबी सूत्रों के अनुसार वह (umesh pal kon tha) राजू पाल के तब से दोस्त थे जब वह सक्रिय जीवन और राजनीति में नहीं थे। राजू पाल और पूजा पाल से उमेश पाल (who was umesh pal) की रिश्तेदारी और घरेलू ताल्लुकात थे। उनका घर पर आना-जाना और साथ खाना-पीना होता रहता था। राजू पाल संग अपनी बचपन की यह यारी उमेश पाल ने आखिरी सांस तक निभाई थी। वह राजू पाल हत्याकांड  (Raju Pal murder case) की पैरवी करते रहे  थे। इस केस से जुड़े हुए एक मुकदमे की पैरवी करने के बाद जिला न्यायालय से घर के लिए रवाना हो चुके थे। किंतु उमेश पाल इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि घर के बाहर ही उनके लिए शूटरों (umesh pal shooter) ने मौत का घेरा डाल रखा था।

उमेश पाल की उम्र (Umesh Pal Age in Hindi)

उमेश की जन्म तिथि ज्ञात नहीं है, उनकी आयु 40-50 वर्ष के बीच है।

उमेश पाल फेमिली (Umesh Pal Family Information in Hindi)

पेशे से वकील रहे उमेश (Umesh Pal biography in Hindi) की पत्नी का नाम जया है। जया ने ही पुलिस को बताया कि वह राजू पाल हत्याकांड का चश्मदीद गवाह है। उसने यह भी आरोप लगाया कि 2006 में, अहमद और उसके सहयोगियों ने उसके पति का अपहरण कर लिया और उसे अदालत में अपने पक्ष में बयान देने के लिए मजबूर किया।

राजू पाल के हत्यारों को सजा दिलाना चाहते थे उमेश पाल

उमेश पाल के करीबियों के अनुसार वह अपने और राजू पाल के रिश्ते को याद करते थे। उमेश पाल ने कातिलों को सजा दिलाने की ठान रखी थी। वह लगातार राजू की पत्नी पूजा पाल के साथ हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी करते रहे थे। उस बाद पूजा पाल की पैरवी पर ही सुप्रीम कोर्ट ने राजू पाल हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सुपुर्द की थी। चार्जशीट लगने के बाद  उमेश पाल जल्द सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में पैरवी करने लगे थे।

दो महीने बाद निर्णय आने की थी संभावना

यह उमेश पाल की पैरवी का ही नतीजा है कि हाई कोर्ट ने जनवरी में दो महीने में राजू पाल हत्याकांड का ट्रायल पूरा करने के लिए आदेश दे दिया था। इस आदेश के विरुद्ध अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी तो पिछले हफ्ते ही उमेश पाल सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई के दौरान विरोध करने के लिए पहुंचे थे। आखिरकार आदेश जारी हुआ कि दो महीने में इस ट्रायल पूरा कर लिया जाए। कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद 18 साल से लंबित मुकदमा में दो महीने बाद निर्णय आने की पूरी संभावनाएं भी थी।

उमेश पाल बेहद ही आशांवित थे कि अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ को उम्रकैद होगी। करीबियों और रिश्तेदारों के अलावा तमाम लोग उमेश पाल (Umesh Pal murder case) की मौत पर दुख जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना था कि राजू पाल को इंसाफ दिलाने के लिए उमेश (Prayagraj hatyakand) ने अपनी जान दे दी थी।

राजू पाल हत्याकांड

25 जनवरी 2005को दोपहर तीन बजे बसपा के टिकट पर शहर पश्चिमी का विधायक चुने गए राजू पाल (who was raju pal) पोस्टमार्टम हाउस में एक पीड़ित परिवार से मिलकर धूमनगंज के नीवां में अपने घर के लिए रवाना हुए थे। उनके काफिले में स्कार्पियो और दूसरी सफारी दो गाड़ियां थी। राजू पाल पर हुए हमले के कारण उन्हें पुलिस के सुरक्षाकर्मी मिले थे जिन्हें राजू ने पीछे सफारी गाड़ी में भेजा और अपने करीबियों के साथ स्कार्पियो में बैठकर खुद ड्राइविंग कर रहे थे। जैसे ही सुलेमसराय में दोनों गाड़ियां नेहरू पार्क मोड़ पर पहुंची तभी शूटरों ने फायरिंग शुरू कर दी।

उमेश पाल (Umesh Pal hatyakand) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसे करीब 7 गोलियां पिस्टल से मारी गई थीं। उमेश के शरीर में 13 गंभीर जख्म पाए गए हैं। इस अनहोनी से ठीक एक दिन पहले समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल, उमेश पाल के घर भी गई थीं।

पूजा पाल (who is Pooja Pal) राजू पाल की पत्नी हैं और उमेश पाल की बहन। वह 24 घंटे बाद उमेश पाल (Umesh Pal case) के घर सांत्वना देने पहुंची तो घरवाले उन पर काफी कहासुनी हुई। किसी तरह से लोगों ने बचाव किय लेकिन इस घरेलू मामले के खुलासे के बाद लोग काफी हद तक हैरान रह गए।

आखिरकार क्यों उमेश पाल से नाराज थीं पूजा पाल?

जब पूजा पाल अचानक ही उमेश पाल के घर पहुंची तो उन्होंने देखा कि वहां अतीक अहमद के गुर्गे मौजूद हैं। पूजा पाल तत्काल ही उमेश पाल के घर से लौट आई। कहां जाता है कि इस बात को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव की खाई गहरी हो गई थी। इसलिए जब पूजा अपने भाई उमेश पाल की मौत के बाद सांत्वना देने के लिए गई तो उसे घर वालों की बातें सुनी पड़ी थी।

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश ने अतीक (Who is Mafia Ateeq Ahmed) के पक्ष में गवाही दी थी। किंतु, एक FIR में उमेश पाल ने यह भी कहा कि अतीक अहमद ने उसका अपहरण कर जबरन ही अपने पक्ष में गवाही देने के लिए मजबूर किया था। पूजा पाल और उमेश पाल के रिश्तो में इन सभी बातों को लेकर ही मनमुटाव था।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस

पूर्वा बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के मामले में शनिवार को धूमनगंज थाना में  माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद (Umesh Pal shooter) समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है।

उमेश पाल (Umesh Pal hatyakand) की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाना में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन,  दो बेटों, साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य साथियों के विरुद्ध IPC की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506, 120-बी, 34,आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932 की धारा 7, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, और 1908 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा संवाददाताओं को बताया था कि इस मामले (Prayagraj hatyakand) की जांच के लिए आठ से दस टीमें नियुक्त गई है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है।

कौन है अतीक अहमद (Who is Atik Ahmed?)

अहमद वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है क्योंकि उसके खिलाफ जबरन वसूली, बंदूक चलाने, हत्या, लूट, अपहरण और डराने-धमकाने के 100 आपराधिक मामले लंबित हैं।

60 वर्षीय गैंगस्टर Atik Ahmed को पूर्व-पश्चिम इलाहाबाद से विधान सभा के लिए चुना गया था और 1989 से 2002 तक लगातार सीटें मिलीं थीं। इसके अलावा, 2004 में, अहमद ने फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से संसदीय जीत हासिल की और सांसद बने।

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