एनपीएस वात्सल्य उन अभिभावकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो लॉन्ग टर्म में बड़ा सा फंड बनाकर अपने बच्चों के फाइनेंस फ्यूचर को सुरक्षित करना चाहते हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने बच्चों पर केंद्रित निवेश साधन का विवरण जारी किया, जिसकी घोषणा सबसे पहले बजट 2024 में की गई थी।
एनपीएस वात्सल्य को एक लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन इंस्ट्रूमेंट के रूप में प्रस्तुत किया गया है जिसका उपयोग माता-पिता अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर सकते हैं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 सितंबर को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)-वात्सल्य की शुरुआत की, यह योजना उन माता-पिता के लिए है जो अपने बच्चों के लिए लॉन्ग टर्म फंड बनाना चाहते हैं।
👉 Union Finance Minister Smt. @NSITHARAMAN to launch #NPSVATSALYA Scheme on September 18, 2024
👉 Participants from nearly 75 locations to virtually join the main launch in New Delhi
👉 Children subscribers to be initiated into #NPSVatsalya with PRAN cards
👉 #NPSVatsalya… PIC.TWITTER.COM/RNRELL5N5M
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) SEPTEMBER 16, 2024
दिल्ली में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने नाबालिग बच्चों को PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) कार्ड वितरित किए। सीतारमण ने लॉन्च के समय कहा,
“एनपीएस वात्सल्य के माध्यम से, बच्चों को नियमित एनपीएस फंडों द्वारा लॉन्ग टर्म में मिलने वाले रिटर्न का लाभ मिलेगा। सभी माता-पिता से मेरी अपील है कि जब आप किसी बच्चे की जन्मदिन की पार्टी में जाते हैं, तो आप केक या गिफ्ट्स ले जा सकते हैं, लेकिन एनपीएस वात्सल्य में निवेश करने के लिए पैसा भी एक तरह का उपहार होगा। यह बच्चे के भविष्य के लिए आजीवन योगदान होगा।”
पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने जल्दी शुरुआत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “लोग हमेशा रिटायरमेंट प्लानिंग को प्राथमिकता नहीं मानते। एक ऐसी पेंशन योजना की जरूरत महसूस की गई जो शुरुआती बचत और इन्वेस्टमेंट कलर को बढ़ावा दे। एनपीएस वात्सल्य सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक कदम है। यह हमें समय के साथ सफिशिएंट वेल्थ एकम्यूलेशन का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।”
एनपीएस वात्सल्य क्या है?
इस योजना (What is NPS Vatsalya) के माध्यम से माता-पिता अपने 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों के नाम पर निवेश कर सकते हैं। इसका उद्देश्य लंबी अवधि में अपने बच्चों के लिए एक फंड बनाना है। नियमित एनपीएस खातों की तरह, इस योजना के लिए भी पीएफआरडीए नियामक होगा।
इस योजना के लिए कौन पात्र है?
- नाबालिग (18 वर्ष से कम आयु के बच्चे) पात्र हैं।
- माता-पिता या अभिभावक ऐसे नाबालिगों की ओर से अकाउंट खोलकर उसे ऑपरेट कर सकते हैं
- एनपीएस वात्सल्य खाते खोलने की प्रक्रिया क्या है?
- माता-पिता या संरक्षक किसी भी प्रमुख बैंक, पोस्ट ऑफिस, पेंशन फंड कार्यालय या यहां तक कि ई-एनपीएस पोर्टल के माध्यम से खाता खोल सकते हैं और योगदान देना शुरू कर सकते हैं।
NPS Vatsalya ऑनलाइन एकाउंट कैसे खोलें
- eNPS वेबसाइट पर जाएं.
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) ड्रॉपडाउन लिस्ट से, ‘एनपीएस वात्सल्य (नाबालिग)’ मेनू पर क्लिक करें और उसके अंतर्गत ‘अभी रजिस्ट्रेशन करें’ पर क्लिक करें।
- पेरेंट्स की डिटेल दर्ज करें – बर्थ डेट, पैन नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल
- ‘रजिस्ट्रेशन स्टार्ट करें’ पर क्लिक करें।
- पेरेंट्स के मोबाइल नंबर और ईमेल पर भेजे गए ओटीपी को वेरीफाई करें।
- वेरीफिकेशन के बाद, एक पावती संख्या दिखाई देगी; ‘जारी रखें’ पर क्लिक करें
- नाबालिग और अभिभावक का विवरण भरें, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और ‘पुष्टि करें’ पर क्लिक करें।
- नेशनल कंट्रीब्यूशन ₹ 1,000 करें।
- आपका PRAN तैयार हो जाएगा और नाबालिग के नाम पर एनपीएस वात्सल्य खाता खोल दिया जाएगा।
- पीएफआरडीए के साथ पंजीकृत पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस के माध्यम से एनपीएस वात्सल्य खाता खोलने के लिए, पीओपी की पूरी सूची पीएफआरडीए वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- निवेश शुरू करने के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
- माता-पिता का KYC ज़रूरी है – पहचान और पते का प्रमाण।
- PFRDA की वेबसाइट पर आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी वगैरह को वैध दस्तावेज़ों के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है
- माता-पिता/अभिभावकों का पैन
- बच्चे की जन्म तिथि का प्रमाण – जन्म प्रमाण पत्र, पैन, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, पैन आदि
- यदि माता-पिता/अभिभावक एनआरआई हैं, तो बच्चे के एनआरई/एनआरओ खाते की आवश्यकता होगी।
- नाबालिग (18 वर्ष से कम आयु के बच्चे) पात्र हैं
- माता-पिता या अभिभावक ऐसे नाबालिगों की ओर से खाते खोल और संचालित कर सकते हैं
एनपीएस वात्सल्य की मुख्य विशेषताएं
- एनपीएस वात्सल्य के तहत माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर सालाना न्यूनतम 1,000 रुपये का योगदान कर सकते हैं
- कोई अधिकतम सीमा नहीं है
- जब नाबालिग बच्चे वयस्कता की आयु (18 वर्ष) प्राप्त कर लेते हैं, तो यह नियमित एनपीएस खाते में परिवर्तित हो जाएगा
- स्टैंडर्ड एनपीएस खातों के मामले में, माता-पिता किसी भी एनपीएस पेंशन फंड मैनेजर का चयन कर सकते हैं, और निवेश करने के लिए सक्रिय या ऑटो विकल्प चुन सकते हैं। इक्विटी में अधिकतम निवेश, एक परिसंपत्ति वर्ग जिसे जोखिम भरा माना जाता है लेकिन लॉन्ग टर्म में सबसे अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखता है, 75 प्रतिशत तक सीमित है।
योजना के अंतर्गत लाभ
लॉन्ग टर्म में चक्रवृद्धि ब्याज का प्रभाव यह सुनिश्चित कर सकता है कि नियमित रूप से निवेश की गई छोटी-छोटी रकम भी तब तक एक बड़ी राशि में बदल सकती है जब तक बच्चे वयस्क हो जाते हैं और अपनी इनकम खुद प्राप्त करना शुरू कर देते हैं। यह बच्चों और उनके माता-पिता दोनों में बचत अनुशासन को बढ़ावा देगा।
इसके अलावा, एनपीएस फंड ने शुरुआत से ही (निजी क्षेत्र के एनपीएस के मामले में 2009) लाभकारी रिटर्न दिया है। सीतारमण ने कहा, “फंड ने शुरुआत से ही प्रतिस्पर्धी रिटर्न दिया है। सरकारी क्षेत्र के लिए, यह 9.5 प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) है।” वॉलंटरी, गैर-सरकारी क्षेत्र (सभी नागरिक मॉडल और कॉर्पोरेट मॉडल) इक्विटी फंड ने शुरुआत से ही 14 प्रतिशत सीएजीआर का रिटर्न दिया है, जबकि कॉर्पोरेट ऋण और सरकारी प्रतिभूतियों द्वारा उत्पन्न रिटर्न क्रमशः 9.1 प्रतिशत और 8.8 प्रतिशत है।
मर्सर इंडिया की बिजनेस लीडर (स्वास्थ्य एवं संपदा) प्रीति चंद्रशेखर कहती हैं, “हालांकि अंतिम फैसला प्रत्येक माता-पिता पर निर्भर करता है, लेकिन इस योजना में निवेश करना एक अच्छा विकल्प है, जिस पर उन्हें विचार करना चाहिए… एनपीएस बाजार में उपलब्ध अन्य बचत विकल्पों की तुलना में सबसे लो कॉस्ट स्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट मॉडल बना हुआ है और एनपीएस वात्सल्य भी उसी कॉस्ट स्ट्रक्चर का लाभ उठाएगा।”
मैच्योरिटी से पहले विड्रोल
इस योजना में निवेश करने के इच्छुक अभिभावकों को मैच्योरिटी से पहले विड्रोल बारे में जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि बच्चों की एजुकेशन कॉस्ट के लिए इस इस इन्वेस्टमेंट से पैसे निकालने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
यहीं पर इस योजना का प्रस्ताव सक्सेस नहीं हो सकता है। यदि नियमित एनपीएस के मैच्योरिटी से पहले विड्रोल के नियमों को वात्सल्य तक बढ़ाया जाता है, तो ग्राहक बच्चों की शिक्षा, गंभीर बीमारी के इलाज, घर खरीदने आदि जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए निहित आयु (60 वर्ष) से पहले अपने स्वयं के इन्वेस्टमेंट का का केवल 25 प्रतिशत ही निकाल पाएंगे। वे तीन साल (खाता खोलने के) के बाद ऐसी निकासी कर सकते हैं और मेच्योरिटी के दौरान केवल तीन बार ही कर सकते हैं।
वित्तीय सलाहकार फर्म फिनसेफ इंडिया की संस्थापक मृण अग्रवाल कहती हैं, “नाबालिग के माता-पिता/अभिभावक एनपीएस खाता खोल सकते हैं और नियमित रूप से योजना में योगदान कर सकते हैं, और जब नाबालिग वयस्क हो जाता है, तो खाता नियमित एनपीएस खाते में बदल दिया जाएगा। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि यह नाबालिग की रिटायरमेंट के लिए बचत करने के लिए एक एकाउंट है ।”