सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप में पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए 103 वें संविधान संशोधन अधिनियम (what is 103 amendment of Indian constitution) पर राष्ट्रपति ने 12 जनवरी, 2019 को मंजूरी दी थी।
इस संशोधन से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में क्लॉज 6 जोड़ा गया है जो सरकार को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता ह। इस प्रावधान में शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण भी शामिल किया गया है।
* शैक्षणिक आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 30(1) के तहत आनेवाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानो के अलावा सभी निजी संस्थानों 144 लागू करने का प्रावधान किया गया है।
उपर्युक्त वर्ग के लिए रिजर्वेशन की ऊपरी सीमा 10 प्रतिशत होगी जो पहले से मौजूद आरक्षण के अलावा रहेगी।
देश के विभिन्न राज्यों द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की पहचान समय-समय पर पारिवारिक आय एवं आर्थिक वंचना के अन्य संकेतकों के माध्यम से की जाती है।
*Constitution के अनुच्छेद 15 और 16 में पहले से ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 7.5 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 27 प्रतिशत यानी कुल 49.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
103 वे संवैधानिक संशोधन (103 amendment of Indian constitution) में सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण दिया है। इसे भारतीय संसद ने 8 व 9 जनवरी 2019 को 124 में संविधानिक संशोधन विधेयक को पारित किया था और 12 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार किया। 14 जनवरी 2019 के गजट नोटिफिकेशन के बाद इसे 103 वे संवैधानिक संशोधन अधिनियम 2019 के तौर पर जाना जाने लगा।l
103 वें संवैधानिक संशोधन के फायदे
इस संशोधन द्वारा शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है और संशोधन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 को संशोधित किया गया।
हमारे संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई भी प्रावधान नहीं था लेकिन इसे संशोधन कर जोड़ा गया। आज के हालात को नजर में रखते हुए यह योग्य था।
इस संविधान संशोधन के बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत सभी समुदायों में स्वर्ण वर्गों के गरीबों को आरक्षण मिलेगा।
स्वर्ण वर्गों के गरीबों को आरक्षण देने के लिए निर्धारित मापदंड
परिवार की सालाना आमदनी आठ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। (अभी इसपर विचार चल रहा है।)
अगर आप सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ लेना चाहते है तो आपके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
वहीं इच्छुक व्यक्ति के पास 1000 वर्ग फिट से बड़ा फ्लैट, म्युनिसिपलिटी एरिया में 100 गज से बड़ा और नॉन नोटिफाइड म्युनिसिपलिटी में 200 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए।
103 में संविधान संशोधन के अपवाद
कोई भी राज्य अपनी मर्जी से सामान्य वर्ग में आने वाले आर्थिक लोगों का पैमाना तय करेगा।
आरक्षण केवल केंद्र सरकार की नौकरियों और संस्थानों में ही लागू नहीं होगा यह सभी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संस्थाओं में लागू किया जाएगा।