Vigyan Dhara Scheme: 24 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट ब्रीफिंग के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इसमें एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा भी शामिल है. यह योजना रोजगार के बाद मिलने वाली पेंशन को ध्यान में रखते हुए लाई जा रही है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी है, जिन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘विज्ञान धारा’ में मर्ज कर दिया गया है। इस योजना को 15वें वित्त आयोग की 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट आवंटित किया गया है।
‘विज्ञान धारा’ योजना का उद्देश्य देश में साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से संबंधित इकोसिस्टम को स्ट्रांग बनाने के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी में कैपेसिटी बढ़ाने के साथ ही रिसर्च इनोवेशन और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है। योजना के कार्यान्वयन से शैक्षणिक संस्थानों में पूरी तरह सुसज्जित रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज को बढ़ावा देकर देश के साइंस और टेक्नोलॉजी बुनियादी स्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।
फेलोशिप प्रदान करेगी स्कीम
#Cabinet Under PM Sh @NarendraModi approves continuation of three umbrella schemes of @INDIADST, merged into a unified central sector scheme ‘Vigyan Dhara’.#CABINETDECISIONS
Department of Science and Technology #DST
Ministry of Science & Technology
1/2 PIC.TWITTER.COM/KA8YB1UUNA— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) AUGUST 24, 2024
सरकार द्वारा जारी की गई ‘विज्ञान धारा’ (What Is ‘Vigyan Dhara’ Scheme) में तीन मुख्य क्षेत्र- साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंस्टीट्यूशनल और ह्यूमन कैपेसिटी का निर्माण, रिसर्च एंड डेवलपमेंट का विस्तार करना है। इसके अलावा इनोवेशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और डेप्लॉयमेंट को आगे बढ़ने का लक्ष्य और रखा गया है।
इस स्कीम के जरिए स्टूडेंट के प्रेक्टिकल एक्सपीरिएंस बढ़ाते हुए कक्षा 11 और 12 के छात्रों को इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी। इंटर्नशिप के अलावा यह योजना अंडरग्रेजुएट,पोस्टग्रेजुएट, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च के लिए फेलोशिप भी प्रदान करेगी।
विज्ञान धारा योजना का उद्देश्य
प्रेस सूचना ब्यूरो के अनुसार, योजना का उद्देश्य बुनियादी अनुसंधान, टिकाऊ ऊर्जा, पानी आदि में अनुप्रयुक्त अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय मेगा सुविधाओं तक पहुंच के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से सहयोगात्मक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह S&T लैंडस्केप को मजबूत करने और पूर्णकालिक समकक्ष शोधकर्ताओं की संख्या में सुधार करने के लिए देश के R&D आधार का विस्तार करने के लिए एक पर्याप्त मानव संसाधन पूल बनाने में भी योगदान देगा।
‘ विज्ञान धारा ‘ योजना के तहत प्रस्तावित सभी कार्यक्रमों को विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए डीएसटी के 5- वर्षीय लक्ष्यों के साथ जोड़ा जाएगा। योजना के अनुसंधान और विकास घटक को राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के साथ समन्वयित किया जाएगा। योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप रहते हुए वर्ल्ड लेवल के स्टैंडर्ड का पालन करेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहल का समग्र उद्देश्य कुछ विशिष्ट क्षेत्रों पर वैज्ञानिक ऊर्जा को केंद्रित करना है, जो आने वाले दशकों में भारत के सतत विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।विज्ञापन
उदाहरण के लिए, विज्ञान धारा में INSPIRE कार्यक्रम सहित कई मौजूदा DST योजनाओं को शामिल किया गया है, जो विज्ञान अनुसंधान के लिए युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने का काम करता है।
विज्ञान धारा के तीन व्यापक घटक हैं – मानव और संस्थागत क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास, इन्नोवेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और डेप्लॉयमेंट। मौजूदा योजनाएँ इनमें से किसी एक घटक के अंतर्गत आएंगी।
‘विज्ञान धारा’ योजना में तीन प्रमुख घटक हैं:
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण: वैज्ञानिक प्रगति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- अनुसंधान और विकास: इसका उद्देश्य अच्छी तरह से वित्त पोषित अनुसंधान पहलों के माध्यम से इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देना है।
- इनोवेशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट इन डेप्लॉयमेंट: नई टेक्नोलॉजी के विकास और उनके इस्तेमाल का समर्थन करता है, जिससे देश की तकनीकी बढ़त बढ़ती है।
बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में, नई पहल का उद्देश्य छह विषयगत क्षेत्रों में इनोवेशन ऑपरेटेड रिसर्च और डेवलपमेंट का समर्थन करना है। पहला बायो-केमिकल्स, बायो-एंजाइम और बायो-पॉलिमर्स पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनके मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल उपभोक्ता और वैज्ञानिक इस्तेमाल होंगे।
दूसरा स्तंभ स्मार्ट प्रोटीन और कार्यात्मक खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों पर जानकारी देते हुए कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक अपने 140 करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है। दूसरा स्तंभ कार्यात्मक खाद्य पदार्थों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा जो भूमि आधारित खाद्य उत्पादन का पूरक हो सकते हैं, जिससे भूमि संसाधनों पर दबाव कम हो सकता है।
तीसरा बायो-थेरेप्यूटिक्स पर ध्यान केंद्रित करेगा। टारगेट मेडिकल कंडीशन कई आनुवंशिक स्थितियों और कैंसर के लिए अत्याधुनिक उपचार के रूप में उभर रही है। चौथा कृषि पर ध्यान केंद्रित करेगा, जैव-उर्वरकों और जैव-कीटनाशकों के विकास का समर्थन करेगा। वैष्णव ने कहा कि इससे कृषि को फ्लेक्सिबल बनाने में मदद मिलेगी और खाद्य पदार्थों में रसायनों के स्तर को भी कम किया जा सकेगा। पाँचवाँ जैव-ईंधन और जैव-रसायनों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा, विशेष रूप से वे जो कैप्चर किए गए कार्बन उत्सर्जन से विकसित किए जाते हैं। वैष्णव ने कहा कि इससे एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। अंतिम क्षेत्र समुद्री और अंतरिक्ष अनुप्रयोग था जो समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों से उत्पादों के विकास पर ध्यान केंद्रित करता था।