शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?
स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है ।
जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।
बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?
ट्रैडिंग अकाउंट खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।
बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।
जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।
How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI
तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI
अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI
Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स
स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|