कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं और कांग्रेस के रवींद्र धांगेकर एक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के पांच कार्यकाल को समाप्त करने में सफल रहे हैं, जिसे अक्सर भगवा पार्टी का गढ़ कहा जाता था।
चलिए आगे जानते हैं कस्बे के उपचुनाव में जीत हासिल कर बीजेपी के गट को नेस्तनाबूद करने वाले रविंद्र धंगेकर के राजनीतिक कैरियर के बारे में। रविंद्र धंगेकर (Ravindra Dhangekar party) मनसे अध्यक्ष और राज ठाकरे के बहुत ही वफादार इंसान माने जाते हैं। कसबापेठ उपचुनाव 2023 कांग्रेस से वनर पॉलिटिशियन हैं रवींद्र धंगेकर।
रवींद्र धंगेकर कांग्रेस पार्टी से हैं। रवींद्र धंगेकर ने भाजपा को हराकर 2023 का कस्बापेठ चुनाव जीता। वह नगर निगम पुणे के नगरसेवक थे। आइए रवींद्र धंगेकर के जीवनी (Ravindra Hemraj Dhangekar Wiki) को कवर करते हैं।
साल 2009 में उन्होंने मनसे से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उस समय उन्होंने बीजेपी के नेता गिरीश बापट को कड़ी टक्कर दी थी। गिरीश बापट उस समय नवांगतुक रविंद्र धंगेकर के खिलाफ सिर्फ 7 हजार वोटों से जीत पाए थे।
रविंद्र धंगेकर पांच बार के नगरसेवक रह चुके हैं। उन्होंने पुणे नगर निगम में दो बार शिवसेना और मनसे का प्रतिनिधित्व किया है। साल 2017 में दंगे कर कांग्रेस में शामिल हो गए और वह पिछले 25 साल से पार्षद है। नगरसेवक के तौर पर काम करते हुए उन्होंने अपने विभाग में कई सारे विकास कार्य किए हुए हैं।
बीते कुछ दिनों पहले हुआ कस्बा पेठ उपचुनाव रविंद्र धंगेकर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था। उन्होंने मनसे शिवसेना और कांग्रेस जैसे तीनों दलों में अपनी राजनीतिक सफर की हुई है। रविंद्र धंगेकर को भाजपा के गिरीश बापट के राजनीतिक विरोधी के तौर पर भी जाना जाता है। उन्होंने करीब 28 साल बाद बीजेपी के गढ़ कस्बा पर जीत हासिल की थी।
कौन हैं रवींद्र धंगेकर? (Who is Ravindra Dhangekar?)
रवींद्र धंगेकर कस्बा पेठ से राजनेता हैं। रवींद्र धंगेकर 2023 कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव के विजेता हैं। रवींद्र धंगेकर का असली नाम रवींद्र हेम राज धंगेकर है। महाराष्ट्र की 215वीं कस्बा विधानसभा 2023 के उपचुनाव में रवींद्र धंगेकर ने जीत हासिल की है।
रवींद्र धंगेकर के पक्ष में जो सबसे महत्वपूर्ण कारक खेला गया, वह स्वयं वह व्यक्ति है। धंगेकर (56) कसबा विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से में ‘कामचा मानूस’ (काम करवाने वाले व्यक्ति) के रूप में बेहद लोकप्रिय हैं। वह पिछले 25 वर्षों से विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ एक निर्दलीय क्षेत्र से पार्षद रहे हैं।
रविंद्र धंगेकर वजन ऊंचाई और शारीरिक बनावट
रविंद्र धंगेकर 5 फीट और 11 इंच लंबे और उनका वजन करीब 75 किलोग्राम है। उनके बालों का रंग काला और आंखों का रंग भी काला गहरा हे।
धंगेकर धर्म, राष्ट्रीयता, जाता और नेटवर्थ (Ravindra Dhangekar Net Worth)
महाराष्ट्र के पुणे शहर में 12 मार्च 1981 में जन्मे रविंद्र (ravindra dhangekar family) भारतीय नागरिक है। इसके अलावा वह हिंदू धर्म का पालन करते हैं और डांगेकर जाति से हैं। उनकी कुल संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जन्मतिथि के अनुसार रविंद्र की राशि मीन है।
रविंद्र धंगेकर सोशल मीडिया (Ravindra Dangekar Social Media)
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मार्च 2023 तक रविंद्र के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 228 पोस्ट के साथ कुल 15. 4 हजार फॉलोअर्स है और वह सिर्फ चार लोगों को ही फॉलो करते हैं।
— Ravindra Dhangekar (@DhangekarRavi) February 4, 2017
साथ ही ट्विटर पर उन्हें 1668 लोग फॉलो करते हैं। इसके अलावा उनके आधिकारिक फेसबुक पेज पर उन्हें 34 हजार लोग फॉलो करते हैं।
रवींद्र धंगेकर का राजनीतिक करियर और जीवन कहानी (Ravindra Dangikar Political Career)
रवींद्र धंगेकर नगर निगम पुणे के एक नगरसेवक और नए निर्वाचित कस्बापेठ राजनेता हैं।
धंगेकर की छवि ‘आम आदमी’ की है और कहा जाता है कि उन्हें कभी कार में यात्रा करते नहीं देखा जा सकता। वह एक स्कूटर पर घूमते है और अक्सर पुणे नगर निगम (PMC) या अन्य जगहों पर बाइक पर सवार होकर देखा जाता है। वे कभी भी सिनेमा देखने थिएटर नहीं गए। उन्हें तीन घंटे का समय फिल्मों में लगाना वक्त की बर्बादी लगती है।
रवींद्र धंगेकर का राजनीतिक करियर
राजनीतिक दलों में रवींद्र धंगेकर (Ravindra Dangikar political career) की यात्रा शिवसेना, मनसे और अब कांग्रेस रही है। उन्होंने 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा। किंतु, उस वक्त उन्हें महज 7 हजार वोटों से हार मिली थी। हालांकि नए उम्मीदवार होते हुए भी उन्होंने बापट जैसे दिग्गज को कड़ी चुनौती दी थी। उस बाद 2014 में उन्होंने फिर कस्बा पेठ से विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 2017 में, वह कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। 2019 में उन्हें कांग्रेस से विधानसभा का टिकट मिलने की उम्मीद थी। दे, कांग्रेस ने धंगेकर की बजाय अरविंद शिंदे को उम्मीदवार बनाया था।
कसबा का चप्पा-चप्पा जानता है कि रवींद्र धंगेकर कौन हैं
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे होकर कांग्रेस में पहुंचने वाले रवींद्र धंगेकर इस बार महाविकास आघाड़ी की ओर से संयुक्त उम्मीदवार थे। किसी वक्त शिवसेना में शामिल रविंद्र धंगेकरराज ठाकरे की पार्टी एमएनएस में आए और उनके बेहद करीबी माने जाते थे। मनसे में रहते हुए भी वे चार बार नगरसेवक बने थे। यही वजह है कि कसबा का चप्पा-चप्पा उन्हें जानता है। इतना ही नहीं यहां उन्होंने काफी विकास के काम किए हैं।
जीत की घड़ी
रवींद्र धंगेकर ओबीसी समाज से हैं। कसबा की सीट पर लगातार ब्राह्मणों को टिकट मिलता रहा है और ब्राह्मण समाज के यहां 30 फीसदी वोट हैं। ब्राह्मण समाज के अलावा इस विस्तार में ओबीसी और मराठा वोटरों की भी तादाद ज्यादा है। इस बार चुनाव मैदान में उतरने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही ओबीसी समाज के उम्मीदवारों को टिकट दिया था। ऐसे में कांग्रेस के धंगेकर मविआ के संयुक्त उम्मीदवार बने और उन्होंने एक बहुत बड़ी जीत हासिल कर ली।
रवींद्र धंगेकर शिक्षा (Ravindra Dhangekar Education Qualification)
रवींद्र धंगेकर का होमटाउन (Ravindra Dhangekar hometown) पुणे ही है। उन्होंने (Ravindra Dhangekar education) अपनी स्कूली शिक्षा पुणे से ही की हुई है। रविंद्र दंगे करने की कक्षा तक पढ़ाई की है। राजनीति में व्यस्त होने से पहले व खेतीबाड़ी आदि का काम करते थे। इतना ही नहीं वह सोने के भी बहुत ही अच्छी कारोबारी माने जाते हैं।
रवींद्र धंगेकर के बारे में कुछ रोचक और अज्ञात बातें
- रवींद्र धंगेकर महाराष्ट्र के एक राजनीतिज्ञ हैं।
- शिवसेना, मनसे और कांग्रेस का त्रिकोणीय राजनीतिक सफर।
- रवींद्र धंगेकर कांग्रेस पार्टी के राजनेता हैं।
- रवींद्र धंगेकर ने 2023 कस्बा पेठ पर बीजेपी को हराया जो आरएसएस हब था।
- उन्हें पुणे में रवींद्र भाऊ के नाम से भी जाना जाता है।
- निर्वाचन क्षेत्र में ओबीसी चेहरे के रूप में पहचान।
- मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के काफी वफादार माने जाते हैं।
- कस्बे से 4 बार पार्षद चुने गए।
- 2009 में उन्होंने मनसे के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा।
- बीजेपी के मौजूदा उम्मीदवार गिरीश बापट के खिलाफ कड़ा मुकाबला| तभी से बीजेपी सांसद गिरीश बापट की पहचान कट्टर विरोधी के रूप में रही है।
रविंद्र की पत्नी के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है लेकिन वह शादीशुदा है और उनके बच्चे भी हैं।