Kegel Exercise Kaise Kare

शरीर और मन से फिट और हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। प्रतिदिन एक्सरसाइज करके हम हमेशा स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रह सकते है। वर्तमान समय में एक्सरसाइज के बढ़ते जा रहे महत्व को नजर में रखते हुए लोग कई तरह की एक्सरसाइज करते हैं। हम देखते हैं कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जिम जाकर हेवी वर्क आउट करते रहते हैं इसके अलावा कुछ ऐसे होते हैं कि कुछ डंबल आदि की सहायता से एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन अगर आपके पास जिम जाकर वर्कआउट करने का टाइम नहीं है तो आप घर पर भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। पिछले कुछ सालों से कीगल एक्सरसाइज का चलन ज्यादा बढ़ता जा रहा है।

आप अपने घर पर ही कीगल एक्सरसाइज की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर की मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसके अलावा यह पुरुषों में सेक्स पावर भी बढ़ाती है।

किगल एक्सरसाइज के क्या फायदे हैं?

सर्वप्रथम हम यह बात जानते हैं कि आखिर कीगल एक्सरसाइज है क्या? आधुनिक विज्ञान में हमारे जननांगों के पास एक मसल्स होती है जिसे pelvic मसल्स कहतें हैं। कीगल एक्सरसाइस में इस pelvic मसल्स संकुचन और फैलाव करते हैं।

वैसे हम सभी कभी जानकर और या कभी अनजाने में ये एक्सरसाइज करते रहते हैं। कैसे? सोचिये की जब आपको बहुत तीव्र वॉशरूम जाने की आवश्यकता हो तो आप क्या करते हैं? अपने जननांगों को अंदर की ओर खीचते हैं। वास्तव में उस समय आप कीगल एक्सरसाइज ही कर रहे होते हैं। लेकिन अगर इसे नियमित किया जाए तो इसके कई फायदे हैं।

कीगल एक्सरसाइज (What are Kegel Exercises in hindi) और कुछ नही बल्कि एक प्रकार की आसन- मुद्रा है। इसे जब सांस बाहर निकाल कर गुदा द्वार और जननेंद्रिया अंदर की ओर खीचते हैं तो मूलाधार बंध मुद्रा और जब सांस अंदर करके यही करते हैं तो इसे अश्वनी मुद्रा कहते हैं।

बंध लगाने या अश्वनी मुद्रा अथवा कीगल एक्सरसाइज से पेशाब संबंधी रोगों से हमें छुटकारा मिलता है। साथ ही पेट की समस्याओं में भी कमी आती है। यौन शक्ति और पौरुष बल बढ़ता है । चेहरे पर चमक आती है, और भी कई सारे लाभ होते हैं।

कीगल एक्सरसाइज की खोज डॉक्टर आर्नल्ड कीगल ने की थी ।

What is Kegel Exercise? | कीगल एक्सरसाइज क्या है?

कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercises) को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic Floor Exercises) कहते हैं। पेल्विक फ्लोर में निचले हिस्से की मांसपेशियां (ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रेक्टम) आती हैं, जो यूरिन वाले हिस्से को कंट्रोल करती है। इसके अलावा यौन प्रतिक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कीगल एक्सरसाइज महिलाओं के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है। कीगल एक्सरसाइज के लिए कोई भी वय मर्यादा निर्धारित नहीं की गई है बल्कि किसी भी उम्र की महिला यह एक्सरसाइज कर सकती हैं। वहीं पुरुष चाहें तो वे भी इस एक्सरसाइज को आसानी से कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के बारे में विस्तार से,

Definition of Kegel Exercise

कीगल एक्सरसाइज के लिए पेल्विक मांसपेशियों को कुछ देर ढीला छोड़ कर और फिर कुछ देर सिकोड़कर रखें। यहां पर इस बात का विशेष ख्याल रखें कि एक्सरसाइज के दौरान पेट, कमर और जांघों की मांसपेशियों को ढीला ही रखें। सिकोड़ने और छोड़ने के लिए आप 5 सेकंड का समय ले सकते हैं। इस प्रक्रिया को 10-20 बार रिपीट करते रहें।

Importance of Kegel exercises | कीगल एक्सरसाइज क्यों मायने रखता है?

कीगल एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं, जो गर्भाशय, मूत्राशय, छोटी आंत और मलाशय को सहारा देती हैं। आप कीगल एक्सरसाइज, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल ट्रेनिंग के नाम से भी जाना जाता है, कभी भी कर सकते हैं।

कई कारक आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कमजोर कर सकते हैं, जिनमें गर्भावस्था, प्रसव, सर्जरी, उम्र बढ़ना, कब्ज या पुरानी खांसी से अत्यधिक तनाव, और अधिक वजन होना भी शामिल है।

Who can Benefit from Kegel Exercises?

कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise Benefits in Hindi) करने से क्या फायदा होता है?

कीगल एक्सरसाइज महिलाओं के लिए विशेष फायदेमंद है।

myUpchar के मुताबिक कई महिलाओं में यह समस्या होती है कि खांसने, छींकने या जोर से हंसने पर पेशाब निकल सकता है, जो ढीली पेल्विक मांसपेशियों की वजह के कारण होता है। कीगल एक्सरसाइज करने से इस प्रकार की समस्या ठीक हो सकती है।

कीगल एक्सरसाइज से सेक्स के दौरान उत्तेजना बढ़ने में भी मदद मिलती है। वर्तमान समय नॉर्मल डिलीवरी बहुत ही कम होती है, मुख्यत इसका कारण शारीरिक तौर पर कम मेहनत करना माना जाता है। कम मेहनत की वजह से हमारा शरीर ढीला पड़ जाता है और मांसपेशियां भी ढीली और कमजोर पड़ने लगती हैं। आजकल कई महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी के लिए राजी नहीं होती है, लेकिन नॉर्मल डिलीवरी मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छी होती है। इसलिए ही महिलाओं को नार्मल डिलीवरी के लिए कीगल एक्सरसाइज करते ही रहना चाहिए। साथ ही कीगल एक्सरसाइज से महिलाओं को रजोनिवृत्ति के समय भी अधिक तकलीफ नहीं होती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए कीगल एक्सरसाइज (Kegel exercise for pregnant women)

पुरुषों के लिए कीगल एक्सरसाइज के फायदे (benefits of kegel exercises for men)

पुरुषों के लिए भी यह एक्सरसाइज बहुत ही फायदेमंद है। इस एक्सरसाइज (benefits of kegel exercises for men) से महिलाओं की तरह पुरुषों में भी पेल्विक फ्लोर मजबूत होता है। कीगल एक्सरसाइज से लिंग में खून का संचार बढ़ता है और  सेक्स उत्तेजना बढ़ती है। इस एक्सरसाइज से पुरुषों में सेक्स क्षमता बढ़ती है और मूत्र नियंत्रण की समस्या में भी सुधार होता है।

इसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज क्यों कहा जाता है? | Why is it Called Pelvic Floor Exercise?

हमारे शरीर में गर्भाशय, छोटी आँत, मूत्राशय, मलद्वार इन सभी अवयवों को सहारा देने वाले भाग को पेल्विक मसल्स कहते है। माँसपेशियों और उतकों के नीचले भाग को जोड़कर रखने वाले भाग को पेल्विक फ्लोर (what is pelvic floor in Hindi) कहते है। पेल्विक फ्लोर योनि, लिंग, गुदा, और गर्भाशय को नियंत्रित करता है। ये मांसपेशियाँ मूत्राशय को नियंत्रित करने के साथ ही यौन प्रतिक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसीलिए ही कीगल एक्सरसाइज को ‘पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज’ (What are Kegel Exercises in hindi) भी कहते है।

हर उम्र के पुरुष और महिला को कीगल एक्सरसाइज  करनी चाहिए क्योंकि उम्र के साथ गर्भाशय, मूत्राशय और बड़ी ‌आंतों की मसल्स मे कमजोरी आना एक नोर्मल बात है। इसलिए नियमित रूप से कीगल एक्सरसाइज करने वाले लोगों को इस समस्या का सामना बहुत ही कम करना पड़ता है।

कीगल एक्सरसाइजका सही तरीका भी जानना बेहद ही जरूरी है क्योंकि आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए की आपको कौन सी मांसपेशियों की एक्सरसाइज करनी है।

कीगल एक्सरसाइज के प्रकार | Types of Kegel Exercise

Kegel exercise (Types of Kegel Exercise in Hindi) कई प्रकार से की जाती है। हर प्रकार की एक्सरसाइज में कीगल मसल्स को सिकोड़ा और छोड़ा जाता है।

#1. क्लासिक कीगल (Classical Kegel Exercise)

कीगल व्यायाम (Classical Kegel Exercise in Hindi) का यह प्रकार पेल्विक मांसपेशियों को एक्टिव करता है। एक्सरसाइज में सिर्फ इतना ही फर्क होता है कि ही पेट के निचले हिस्से या फिर जांघों पर बिल्कुल भी जोर नहीं डालना होता है। इन एक्सरसाइ में सिर्फ और सिर्फ पेल्विक मांसपेशियों के आराम और संकुचन की स्थिति को रिपीट करने पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंट विमेंस (Kegel exercise for pregnant women in Hindi) को इस एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इस एक्सरसाइज को आराम की मुद्रा में लेट कर या फिर जिम बॉल की सहायता से कर सकते हैं।

तरीका:

  • योग मैट पर आराम की मुद्रा में लेटे यहां से जिम बॉल पर बैठ जाएं।
  • एक बात का ख्याल रखें की दोनों ही स्थितियों में पेट के निचले हिस्से और जांघों पर जोर नहीं डालना चाहिए।
  • पेल्विक मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें संकुचित करें।
  • संकुचन की इस अवस्था को कुछ समय तक ऐसे ही रोकें रखें और फिर आराम की स्थिति में आ जाएं।
  • इस प्रक्रिया को करीब चार से पांच बार रिपीट करें।

#2. द पेल्विक टिल्ट (The Pelvic tilt)

कीगल एक्‍सरसाइज का यह प्रकार पेल्विक अंगों में खिंचाव पैदा करके ढीली पड़ी मांसपेशियों को दोबारा सक्रिय होने के लिए प्रेरित करता है।

तरीका:

  • सर्वप्रथम योगा मैट बिछाकर पीठ के बल आराम से लेट जाइएं।
  • पैरों को घुटनों से मोड़ें और थोडा सा कूल्हों के नजदीक लाएं।
  • यहां पर ध्यान रखें कि, पैरों के पंजों को बिल्कुल भी कूल्हों से चिपकाना नहीं है।
  • तय करें कि कूल्हों और पंजों के बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
  • दोनों हाथों को कमर के अगल-बगल चिपका कर रखें।
  • घुटनों और कूल्हों पर थोड़ा जोर दे और कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाइएं।
  • करीब 10 सेकंड तक इसी स्थिति में रहने का प्रयास करें।
  • अब आराम की स्थिति में फिर वापस आएं।
  • करीब चार से पांच बार इस प्रक्रिया को रिपीट करें।

#3. द बटरफ्लाई (The Butterfly pose)

व्यायाम (What is Butterfly pose in hindi) का यह प्रकार पेल्विक मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही तनाव से भी मुक्त करता है।

तरीका:

  • योग मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठें।
  • दोनों पैरों को आगे की ओर फैला लें और फिर घुटनों को मोड़कर पंजों को आपस में जोड़ते हुए पेल्विक एरिया के नजदीक ले आएं।
  • ध्यान रहे कि पंजे खुलें नहीं उसे अपने हाथों से कस कर पकड़ें।
  • दोनों घुटनों को ऊपर-नीचे करें और घुटनों को नीचे करते वक्त जमीन से सटाने का प्रयास करें।
  • करीब चार से पांच बार इस प्रक्रिया को रिपीट करें।

#4. शोल्डर ब्रिज (The Shoulder Bridge)

व्यायाम का यह प्रकार आपकी पेल्विक मांसपेशियों के साथ ही पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों में भी कसाव लाता है।

तरीका:

  • योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेटें।
  • घुटनों को मोड़ते हुए पंजों को कूल्हों के थोड़ा करीब लाएं।
  • ध्यान रखें कि पंजों और कूल्हों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।
  • दोनों पंजो के बीच भी थोडा अंतर बनाकर रखें।
  • दोनों हाथों को कमर के अगल-बगल जमीन पर रखें।
  • हथेलियों और पंजों की सहायता से कूल्हे और कमर को ऊपर की तरफ उठाएं।
  • बाएं पैर को सीधा करें और ऊपर की ओर उठाएं।
  • अब पैर को वापस नीचे की ओर लाएं।
  • इस प्रक्रिया को करीब 10 बार रिपीट करें।
  • अब यही प्रक्रिया को दाएं पैर के साथ करें।

#5. ध लोटस पोज (The lotus pose)

ध लोटस पोज (What is Lotus Pose in hindi) को पद्मासन भी कहते हैं। ध लोटस पोज तनाव को कम करते हैं और दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

  • योग मैट पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें।
  • कमर और गर्दन को सीधा रखें।
  • दाएं पैर को मोड़ कर उसकी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें।
  • इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ भी रिपीट करें।
  • यदि दोनों पैरों को मोड़कर एड़ी को विपरीत जांघों पर रख कर आप सहज हो जाते हैं, तो हाथों से ज्ञानमुद्रा बनाकर घुटनों पर रखें।
  • इस दौरान अपनी कोहनियों को सीधा रखें।
  • अब इस मुद्रा में कुछ देर बैठें।
  • एक्सरसाइज करते वक्त सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को सामान्य रूप से जारी रखें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में दो बार तीन से पांच मिनट के लिए दोहरा सकते हैं|

Anatomy of pelvic floor muscles

श्रोणि तल की मांसपेशियों का एनाटॉमी/ पेल्विक फ्लोर की शारीरिक रचना क्या है?

Fascia और ligaments कोलेजन और फाइबर से बने हुए होते हैं जो इलास्टिन, चिकनी मांसपेशियों की कोशिकाओं, फाइब्रोब्लास्ट और संवहनी संरचनाओं से जुड़े हुए  होते हैं।

Fascia और ligaments pelvic organs के मुख्य आधार स्तम्भ की तरह कार्य करते हैं और पेट के दबाव में वृद्धि के दौरान अपने नीचे की ओर गति को सीमित करते हैं लेकिन अकेले निरंतर समर्थन प्रदान करने में सक्षम नहीं होते हैं।

Intact fascia और nerve control की उपस्थिति में लेवेटर और मांसपेशी की समन्वित क्रिया, pelvic organs समर्थन को बनाए रखती है।

How Kegel Exercises Work? | कीगल व्यायाम कैसे काम करते हैं?

कीगल एक्सरसाइज आपकी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में फायदेमंद होती है कीगल एक्सरसाइज, इस एक्सरसाइज को करने से यूट्रस, ब्लैडर, छोटी आंत और रेक्टम को मजबूती मिलती है। इस व्यायाम को नियमित रूप से किया जाए, तो मूत्राशय पर नियंत्रण और यौन क्रिया को बढ़ावा मिल सकता है। यहां तक की किसी व्यक्ति में इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन हो, तो यह भी दूर हो जाएगा। इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन ऐसी समस्या है, जिसमें लिंग संभोग के लिए उत्तेजित नहीं हो पाता। इस एक्सरसाइज को रोजाना करने से 5 -6 हफ्ते के भीतर अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

कीगल एक्सरसाइज फॉर वीमेन (Kegel Exercise for Women in Hindi)

  • कीगल एक्सरसाइज की रेगुलर प्रैक्टिस से पेल्विक फ्लोर की मसल्स मजबूत बनती हैं।
  • कीगल एक्सरसाइज मूत्र को लीक होने से रोकने में भी मदद कर सकती है।
  • प्रेगनेंसी में कीगल एक्सरसाइज करने से आपका शरीर नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार होता है।
  • रोजाना कीगल एक्सरसाइज करने से कमर दर्द से भी राहत मिलती है।
  • जो महिलाएं कीगल एक्सरसाइज करती हैं, उनमें यौन उत्तेजना बढ़ती है।
  • कीगल एक्सरसाइज करने से महिलाओं का शरीर मेनोपॉज के लिए भी तैयार होता है।
  • कीगल एक्सरसाइज प्रसव पीड़ा को कम करती है।

कीगल एक्सरसाइज फॉर मेन (Kegel Exercise for Men in Hindi)

  • कीगल एक्सरसाइज पुरुषों के लिंग में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है। इससे पुरुष लंबे समय तक उत्तेजित रहते हैं।
  • अगर पुरुष रोजाना कीगल एक्सरसाइज करेंगे, तो इससे शीघ्रपतन की समस्या में भी सुधार हो सकता है।
  • जो पुरुष पेशाब को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, उन्हें कीगल एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
  • कई बार पुरुष जल्दी स्खलन कर लेते हैं, इसकी वजह से उन्हें ऑर्गेज्म नहीं मिल पाता है। ऐसे में कीगल एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है।

How to do Kegel Exercises? | कीगल एक्सरसाइज कैसे करे

पुरुष हो या महिला, दोनों ही इस कीगल एक्सरसाइज के इन सेट्स को लगभग एक ही तरह से कर सकते हैं।

  • कीगल एक्सरसाइज करते समय एकांत जगह चुने|
  • अपने कीगल मसल्स या पेल्विक फ्लोर मसल्स को पहचाने|
  • कीगल मसल्स का इस्तेमाल मूत्र तथा मल को रोकने के लिए किया जाता है।
  • अपनी सांस को लेते समय अपने कीगल मसल्स को सिकोड़ ले|
  • 10 सेकंड के बाद सांस को छोड़ते हुए कीगल मसल्स को ढीला छोड़ दे|
  • शुरू शुरू में इसे 10-15 बार दोहराये उसके बाद अपना समय और प्रक्रिया बढ़ाएं|
  • कीगल एक्सरसाइज को दिन में दो से तीन बार करे|

Locate Pelvic Floor Muscles

इस एक्सरसाइज (Kegel exercise kis time kare ki jankari in hindi) को किसी शांत जगह पर बैठकर या लेटकर कर सकते हैं|

  • कीगल एक्सरसाइज के लिए पेल्विक मांसपेशियों को कुछ देर ढीला छोड़कर फिर कुछ देर सिकोड़कर रखें|
  • इस बात का विशेष ख्याल रखें कि एक्सरसाइज के दौरान कमर, पेट और जांघों की मांसपेशियों को ढीला ही रखें|
  • सिकोड़ने और छोड़ने के लिए 5 सेकंड का समय ले सकते हैं| इस प्रक्रिया को 10-20 बार दोहराते रहें। इस एक्सरसाइज को दिन में 2-3 बार किया जा सकता है।

Step-by-step Instructions for Doing Kegel Exercise

कैसे करें कीगल एक्सरसाइज?

– इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। फिर घुटनों को मोड़ें। पेट को रिलैक्स रखें, पीठ को कर्व बनाएं, पैर को पास लाएं जिससे पीठ में कर्व बनें।

अब कीगल मसल्स को पहचानें। कीगल मसल्स वह होती हैं जिनका इस्तेमाल यूरीन को रोकने के लिए किया जाता है।

– आप कीगल मसल्स को सामान्य रूप से सांस लेते हुए 5-6 सेकेंड के लिए सिकोड़ें। फिर मांसपेशियों को थोड़ा आराम दें। इसके बाद इस प्रोसेस को दोबारा दोहराएं।

– ध्यान रखें कि जब आप इस एक्सरसाइज को करेंगे, तो कमर, पेट और थाई के मसल्स को ढीला रखें। आप इस एक्सरसाइज को 3 बार कर सकते हैं।

Important Tips | महत्वपूर्ण सुझाव

  • सही मांसपेशियां खोजें|
  • अपनी पेल्विक फ्लोर की माँस-पेशियों की पहचान करने के लिए, पेशाब को बीच में ही रोक दें।
  • अपनी तकनीक को परिपूर्ण करें।
  • कीगल करने के लिए, कल्पना करें कि आप मार्बल पर बैठे हैं और अपनी पेल्विक की मांसपेशियों को कस लें जैसे कि आप हैं कोई पत्थर उठा रहे हो।
  • अपना फोकस मेंटेन करें|
  • इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार रिपीट करें।

Incorporating Kegel Exercises into Your Daily Routine | अपने दैनिक दिनचर्या में कीगल व्यायाम को शामिल करना

  • कुछ दोहराव से शुरू करें
  • धीरे-धीरे दोहराव की संख्या बढ़ाएं
  • केगेल व्यायाम को अन्य गतिविधियों में शामिल करें

Common Mistakes | सामान्य गलतियां

  • अन्य मांसपेशियों को अधिक अनुबंधित करना|
  • अपने सांस रोक देना|
  • कीगल एक्सरसाइज से शरीर के अंगों पर जोर दे कर करना|

Precautions and Considerations | सावधानियां और विचार

कीगल एक्सरसाइज के नुकसान

कीगल एक्सरसाइज पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाती हैं। लेकिन आपको इस एक्सरसाइज को पूरी सावधानी से करना जरूरी होती है। कुछ स्थितियों में कीगल एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए, अन्य आपको नुकसान पहुंच सकता है।

एक्सरसाइज करने से पहले इन बातों का ख्याल रखें (Precaution of Eagle Exercise in Hindi)

  • कीगल एक्सरसाइज करने से पहले हमेशा अपने यूरिनरी ब्लैडर को खाली कर लें।
  • कीगल एक्‍सरसाइज को भरे हुए ब्‍लैडर या मूत्राशय के दौरान न करें, क्‍योंकि ऐसा करना आपकी मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है और ब्‍लैडर को अधूरा खाली कर देता है जिससे आपको यूरीन मार्ग में संक्रमण हो सकता है! कीगल एक्सरसाइज करने के दौरान सांस को ना रोकें और पेल्विक मसल्स के अलावा किसी और मांसपेशी को ना भींचें।
  • कीगल व्यायाम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें|
  • अगर आपकी हाल में कोई सर्जरी हुई है, तो भी कीगल एक्सरसाइज करने से बचें।
  • अगर योनि एरिया में दर्द, जलन या इंफेक्शन है, तो एक्सपर्ट की राय पर ही कीगल एक्सरसाइज करनी चाहिए।
  • मार्गदर्शन के बिना असंयम के इलाज के लिए कीगल व्यायाम का प्रयोग न करें
  • यदि आपको कुछ मेडिकल कंडीशन हैं तो कीगल व्यायाम से बचें ।
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