अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी बीच पुलिस ने बताया है कि उसने वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) से जुड़े 112 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Waris Punjab De Chief Amritpal Singh) को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने रविवार (19 मार्च) को भी अभियान जारी रखा था। पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार, 18 मार्च को कार्रवाई शुरू की थी। चलिए जानते हैं कि कौन है अमृतपाल सिंह?

Amritpal Singh Wiki

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh), वो नाम है जो बहुत कम ही समय में ही पंजाब (Punjab) में चर्चा का विषय बन बैठा  और जिसके समर्थकों ने पंजाब पुलिस (Punjab Police) का टेंशन बढ़ाया हुआ है। वो इस संगठन का चीफ है जिसे खालिस्तानी (Khalistan) विचारधारा का समर्थक माना जाता है। संगठन का नाम है वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)।

Amritpal Singh Family and Age

30 साल के अमृतपाल सिंह का जन्म गांव जल्लूपुर खेड़ा, जिला अमृतसर में साल 1993 में हुआ था। वह तरसेम सिंह और बलविंदर कौर के तीन बच्चों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार बहुत धार्मिक बताया जाता है। 10वीं कक्षा पास करने के बाद, उन्होंने 2009 में कपूरथला के लॉर्ड कृष्णा पॉलिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एक डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया। तीन साल बाद उन्होंने कभी भी कोर्स पूरा नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्होंने कभी कोई किताब नहीं पढ़ी है। अमृतपाल 19 साल की उम्र में ही 2012 में काम करने के लिए पंजाब से दुबई गया और वह 10 साल यानी 2022 तक दुबई में ही रहा था।

उनके लिंक्डइन प्रोफाइल ने दावा किया कि उनके पास पंजाब विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है । उनकी प्रोफाइल में आगे दावा किया गया कि वह संधू कार्गो ट्रांसपोर्ट नामक कंपनी में “ऑपरेशन मैनेजर” थे और उन्हें परिवहन, ट्रकिंग और रेल उद्योग में अनुभव था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उन्होंने लगभग दस वर्षों तक डिस्पैचर के रूप में काम किया और कुछ सूत्रों का कहना है कि वह एक ट्रक चालक था।

अमृतपाल अक्सर सोशल मीडिया पर पंजाब से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखते थे। 2019 में, उन्होंने किसानों के विरोध का समर्थन करना शुरू कर दिया और दीप सिद्धू के मुखर समर्थक भी बन गए । सिद्धू से जुड़ने के बाद उनकी सोशल मीडिया पहुंच कई गुना बढ़ गई थी। उन्होंने विरोध का समर्थन करने के लिए भारत की यात्रा की थी। उस समय वह मोना सिख (बिना दाढ़ी और पगड़ी के सिख) थे। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद वह दुबई लौट आया था।

किसानों के विरोध के दौरान, अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने “पंजाब के अधिकारों” के लिए आंदोलन के एजेंडे को व्यापक बनाने का प्रयास किया। कहा जाता है कि अमृतपाल सिंह सिद्धू और आंदोलन में उनकी भूमिका के मुखर समर्थक रहे हैं। सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने 2021 के गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर धावा बोलने के लिए किसानों के एक समूह का नेतृत्व किया। उन्हें कार्रवाई के लिए गिरफ्तार किया गया और कुछ महीने जेल में बिताने पड़े। जमानत पर रिहा होने के बाद, उन्होंने वारिस पंजाब डे (“पंजाब के वारिस”) संगठन की स्थापना की, जिसे उन्होंने पंजाब के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए कहा।

अमृतपाल सिंह भी दुबई से दूर वारिस पंजाब डे का हिस्सा बने। अपने एक इंटरव्यू में, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने संगठन शुरू करने में सिद्धू के साथ मिलकर काम किया। अन्य लोगों ने कहा है कि दीप सिद्धू ने अमृतपाल सिंह के “खालिस्तानी” तिरस्कार की सराहना नहीं की और किसानों के विरोध के दौरान उन्हें ऑडियो चर्चा मंच से ब्लॉक कर दिया। यह भी कहा जाता है कि उसने फरवरी 2022 में अमृतपाल के फोन को अपने निजी संपर्कों से ब्लॉक कर दिया था।

दीप सिद्धू को उत्तराधिकार

फरवरी 2022 में दीप सिद्धू की आकस्मिक मृत्यु के बाद, 4 मार्च 2022 को वारिस पंजाब डे के फेसबुक अकाउंट पर अमृतपाल सिंह को संगठन के नेता के रूप में नियुक्त करते हुए एक पत्र दिखाई दिया। नियुक्ति विवादास्पद बनी हुई है। कुछ सूत्रों के अनुसार, सिद्धू ने जीवित रहते हुए भी हरनेक सिंह उप्पल को वारिस पंजाब डे का प्रमुख नियुक्त किया था। इसलिए उनकी मृत्यु का संगठन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। संगठन के एक टूटे हुए गुट ने जाहिर तौर पर “हैक” फेसबुक अकाउंट का उपयोग करके अमृतपाल को चुना, जबकि मूल संगठन उप्पल (जिसे अब “दीप सिद्धू गुट” कहा जाता है) के तहत जारी है।  सिद्धू के परिवार ने अमृतपाल को अस्वीकार कर दिया और उसके पूर्ववृत्त की जांच की मांग की।

अमृतपाल सिंह अगस्त 2022 में बहती दाढ़ी और पगड़ी के साथ पंजाब लौटे।  उन्होंने परिवार के व्यवसाय में अपनी भूमिका और कनाडा में अपने स्थायी निवासी का दर्जा भी छोड़ दिया। सितंबर में, उन्होंने आनंदपुर साहिब में एक बड़ी सभा के सामने बपतिस्मा लिया। एक हफ्ते बाद, पूर्व उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक स्थान मोगा जिले के रोडे गांव में उनके लिए एक दस्तरबंदी (पगड़ी बांधने की रस्म) आयोजित की गई। इस समय तक, उन्हें पहले से ही एक बड़े नेता के रूप में माना जाने लगा था। वह सरपंच के घर में ठहरा हुआ था (गाँव का मुखिया) और लोगों की एक लंबी कतार उसे देखने आई। उनकी दस्तरबंदी ने “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारों के बीच वारिस पंजाब डे के प्रमुख के रूप में उनके उद्घाटन के रूप में कार्य किया।

गिरफ्तारी का बैकग्राउंड

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh Biography in Hindi) का 15 फरवरी 2023 को फेसबुक पोस्ट को लेकर वरिंदर सिंह से झगड़ा हो गया 16 फरवरी 2023 को अजनाला में एफआईआर दर्ज हो गई थी। अमृतपाल और उसके साथियों पर वरिंदर सिंह को अगवा कर टॉर्चर करने का आरोप लगा। 16 फरवरी को अमृतपाल ने अजनाला थाना घेरने का अल्टीमेटम दिया।

17 फरवरी को अमृतपाल (Amritpal Singh Life Journey in Hindi) का साथी लवप्रीत उर्फ तूफान को पुलिस ने गिरफतार कर लिया था। थाना घेरने में लोगों के ना आने के कारण 18 मार्च का घेराव प्रदर्शन टल गया और उस बाद अमृतपाल 19 फरवरी को मोगा में दीप सिद्धू के बरसी कार्यक्रम में पहुंचकर मंच से खालिस्तान की हिमायत की थी।

अजनाला में क्या हुआ था

23 फरवरी की दोपहर को अमृतपाल जनाला थाने के बाहर भीड़ के साथ पहुंचे थे। पुलिस बैरिकेडिंग के पास जाकर अमृतपाल का साथ आई भीड़ उग्र हो गई और पुलिस से  हुई टकराव के बाद भीड़ ने थाने पर कब्जा कर लिया था। उसी समय एक एसपी रैंक के अधिकारी समेत 6 पुलिसवालो को गंभीर चोटें भी आईं थीं।दरअसल, अमृतपाल के पास श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी साथ थी और यही वजह थी कि उस समय पुलिस ने सख्ती नहीं की थी। अमृतपाल और उसके समर्थक लगातार पांच घंटे तक थाने में अंडे ही रहे थे। पुलिस ने लवप्रीत तूफान को 24 घंटे में छोड़ने का वादा किया और तब जाकर देर शाम अमृतपाल और समर्थकों ने थाना खाली कर दिया।

अमृतपाल सिंह के खिलाफ अबतक दर्ज केस

अबतक अमृतपाल सिंह के खिलाफ 4 केस दर्ज हो चुके हैं, जिसमें अजनाला में वरिंदर सिंह को अगवा कर मारपीट करने का आरोप, गृहमंत्री और सीएम के खिलाफ हेट स्पीच, अमृतसर में 15 फरवरी को प्रधानमंत्री और मोगा में 19 फरवरी को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ हेट स्पीच का आरोप, अजनाला में थाने पर कब्जे के लिए पुलिसवालों को जख्मी करने के केस शामिल हैं।

अमृतपाल सिंह के दबदबे का अंदाजा इस बात से हो सकता है कि पंजाब पुलिस ने अजनाला हिंसा के बाद भी अमृतपाल के खिलाफ दर्ज मामलों को आज तक भी सार्वजनिक नहीं होने दिया, क्योंकि 23 फरवरी को अमृतपाल ने डीजीपी को खुला चैलेंज दिया था कि अगर अब अगर दोबारा से कोई भी केस दर्ज होगा तो वो फिर प्रदर्शन करेगा और नतीजे की जिम्मेदार पुलिस होगी। अब पुलिस इन सारे केसों को दबाकर अमृतपाल पर शिकंजा कसने के इंतजार में है।

Amritpal Singh Wife‌

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल सिंह ने इसी साल फरवरी में UK की एनआरआई किरणदीप कौर  (कौन हैं अमृतपाल सिंह की NRI wife Kirandeep Kaur) से शादी की थी। फरवरी में अमृतपाल से शादी के बाद किरणदीप कौर पंजाब ही रहने लगीं और इन दिनों वह अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में रहती हैं। किरणदीप की पारिवारिक जड़ें पंजाब के जालंधर की बताई जाती हैं।

बताया जा रहा है कि किरणदीप कौर बब्बर खालसा इंटरनेशनल ग्रुप की सदस्य भी रह चुकी हैं। इतना ही नहीं वह बब्बर खालसा इंटरनेशनल की कई रैलियों और कार्यक्रमों में भी अक्सर ही हिस्सा लेती रही हैं।

जारी किया गया लुकआउट सर्कुलर

बता दें, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। इतना ही नहीं, राज्य के तमाम एयरपोर्ट को अलर्ट भेजा गया है और उस पर NSA लगाया गया है। उसके 154 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने अमृतपाल की कुछ पुरानी तस्वीरें भी शेयर की हैं। पुलिस को इस बात का शक है कि अमृतपाल पंजाब में ही कहीं पर सुरक्षित छिपा हुआ है। इस दौरान ही अमृतपाल को लॉजिस्टिक्स मदद देने वाले दो लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है।

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