मुलायम सिंह और उनका परिवार देश के शीर्ष राजनितिक परिवार में गिना जाता है| इनके बड़े परिवार कोई न कोई, किसी न किसी वजह से हमेशा सुर्ख़ियों में रहते हैं| पर अभी तो सभी आने वाले उत्तरप्रदेश चुनाव के वजह से सुर्ख़ियों में है|

अखिलेश यादव जोर शोर से अपने समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं| और उनकी बहु अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हो गई, तो वो बीजेपी के चुनाव प्रसार में लगी हुई है| और अब सब की निगाहें टिकी हुई है 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम पर| खैर परिणाम कुछ भी हो, हम बात करते है मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी के बारे में|

जैसा की आप सब जानते है कि मुलायम सिंह ने दो बार शादी किया है, उनकी पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो चूका है और मुलायम सिंह अपनी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के साथ रहतें है| आपको बता दें कि साधना गुप्ता और मुलायम सिंह के रिश्ते की बात 2007 में सब के सामने आई थी, वो भी सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट के जरिये| उस एफिडेविट में मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता और प्रतीक यादव को अपने परिवार के सदस्य के रूप में कबूला था| प्रतीक यादव साधना गुप्ता का बेटा है, जिसका जन्म साधना गुप्ता के पहले पति चंद्रप्रकाश गुप्ता के साथ हुआ था, प्रतीक यादव का जन्म सन 1987 में हुआ था|

मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए निचे क्लिक करें:

मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का जीवन परिचय

मालती देवी का जीवनी | Malti Devi Biography

मालती देवी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से रायपुरा नाम के गाँव की रहने वाली थी| यह गांव यूपी के सैफई से लगभग 20-22 किलोमीटर दूर है| मालती देवी का परिवार बहुत अच्छा परिवार था|

जब मालती देवी की शादी मुलायम सिंह से हुई उसके बाद से ही मुलायम सिंह के परिवार वाले मालती देवी को काफी भाग्यशाली मानते थे| उनके अनुसार शादी के बाद से ही मुलायम सिंह का करियर अच्छा चलने लगा और उसके बाद ही धीरे धीरे वे राजनीती में भी बहुत आगे चले गए| बाद में 1992 में मुलायम सिंह यादव ने अपनी खुद की पार्टी भी बना ली|

मालती देवी का एक भाई था जिसका नाम था महाराज सिंह, अखिलेश यादव अपने मामा महाराज सिंह का बहुत इज़्ज़त करते थे| जब अखिलेश यादव पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्या मंत्री बने थे, तब उन्होंने अपने मामा को शपथ ग्रहण समारोह में भी बुलाया था, और मुलायम सिंह ने उनके रुकने के लिए एक बहुत ही अच्छे होटल में व्यवस्था किया था|

ये वही मामा महाराज सिंह हैं, जिन्होंने लेखिका सुनीता एरॉन को मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के जीवन से जुड़ा बहुत सारा बात बताए थे| इनके वजह से ही सुनीता एरॉन अपना बुक ‘विंड्स आफ चेंज’ अच्छे से पूरा कर सकी थी|

मुलायम सिंह यादव और मालती देवी की शादी | Mulayam Singh Yadav and Malti Devi’s Marriage

जब मुलायम सिंह यादव की मालती देवी से शादी की बात शुरू हुई तब मुलायम सिंह बहुत ही छोटे थे, उनकी उम्र महज़ 18 साल ही रही होगी| उस समय मुलायम सिंह यादव 10वी कक्षा के छात्र थे| वो उस समय शादी नहीं करना चाहते थे, उन्होंने इस बात का काफी विरोध किया और अपने घर वालों को काफी समझने की भी कोशिश की, पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और आखिरकार उनकी शादी तय ही हो गई| उस समय मालती देवी की उम्र लगभग 14 वर्ष थी|

सन 1957 में दोनों की शादी हुई और उसके 5 साल बाद गौना हुआ| जैसे की हमने बताया कि सैफई से रायपुरा की दुरी लगभग 20-22 किलोमीटर है| उस समय मुलायम सिंह 5 भैंस गाड़ी लेकर बारात गए थे| सड़क की अच्छी सुविधा ना होने के काऱण बारात पहुंचते पहुंचते शाम हो गया था| मालती देवी के घर पहुंचने पर बारातियों का धूम धाम से स्वागत किया गया था, यहाँ तक सभी को सोने का चैन भी दिया गया था|

मालती देवी का पुत्र | Malti Devi’s Son

सन 1973 में मालती देवी का पुत्र अखिलेश यादव का जन्म हुआ, अखिलेश के जन्म के वक्त उनको काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ा| उसके बाद से ही वो अधिकतर बीमार ही रहती थीं| अखिलेश के जन्म के लगभग 9 साल बाद सन 1982 में मुलायम यादव अपनी माँ मूर्ति देवी का इलाज कराते समय साधना गुप्ता से मिले, उस वक़्त साधना नर्स थीं|

1989 में जब मुलायम पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तब ये अफवाह बहुत उड़ी थी की मुलायम की दो पत्नियां है, पर किसी तरह से बाद में यह बात दब गई|

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मालती देवी का निधन | Malti Devi’s Death

24 मई 2003 को मल्टी देवी का अपने सैफई के निवास स्थान में दिल का दौरा आने के कारण निधन हो गया, उनकी उम्र 60 वर्ष थी| कहा जाता है की उनका स्वास्थ्य बहुत दिनों से ख़राब था और वह कोमा जैसे स्थिति (vegetative state) से झूझ रहीं थी| मौत के दौरान उनके बेटे अखिलेश यादव उनके पास ही थे|

वर्ष 2007 में जब मुलायम ने सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट के जरिये साधना और उसके पुत्र को अपने परिवार के रूप में स्वीकारा, तब ये बात अखिलेश को बिलकुल भी पसंद नहीं आयी और उन्होंने उनका विरोध भी किया| अखिलेश यादव साधना और उसके बेटे प्रतीक को अपने परिवार में शामिल नहीं करना चाहते थे|

आपको क्या लगता है? क्या मुलायम का साधना को अपने परिवार में शामिल करना सहीं था या ग़लत? कृपया कमेंट सेक्शन में बताएं|

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