Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi
Photo: youtube.com/watch?v=N1ZwRv3vJJY

गंगूबाई काठियावाड़ी कौन थी ? | Who was Gangubai Kathiawadi?

25 Feb 2022 को एक फिल्म रिलीज़ होने वाली है, जो एक किताब ‘माफिया क्वीन इन मुंबई’ पर बनाई गयी है, जिसका नाम है “गंगूबाई काठियावाड़ी”और ये एक रियल स्टोरी पे आधारित है| इसके निर्देशक है संजय लीला भंसाली| फिल्म का मुख्य भूमिका गंगूबाई का किरदार निभाया है आलिया भट्ट ने, इसके साथ अजय देवगन और शांतनु माहेश्वरी भी इस फिल्म का हिस्सा है| इस फिल्म के ट्रेलर ने बहुत धूम मचा रखी है|

अगर किसी फिल्म की वजह से कोई व्यक्ति की कहानी सामने आती है तो सब लोगों को उसके पीछे की रियल स्टोरी जानने में रूचि होती है,पर फिल्मों में असली कहानी से छेड़छाड़ की जाती है, उसको ज्यादा मसालेदार बनाने के लिए उसमे नई घटना जोड़ दी जाती है, और कहानी नीरस ना बन जाये इसलिए कुछ घटनाए निकाल दी जाती है| तो आईए जानते है असली कहानी, की आखिर कौन थी गंगूबाई? पढ़ते रहिये गंगूबाई काठियावाड़ी विकी (Gangubai Kathiawadi wiki)|

 गंगूबाई काठियावाड़ी का जीवन परिचय | Gangubai Kathiawadi Biography/ Wiki in Hindi

गंगूबाई का जन्म 1939 में हुआ| असली नाम था ‘गंगा हरजीवनदास’ और वो गुजरात के काठीवाड़ के एक संपन्न घराने में पैदा हुई| उनके पिता उनको पढ़ना लिखाना चाहते थे पर वो अभिनेत्री बनाना चाहती थी| वो हेमा मालिनी और आशा पारेख अभिनेत्रियों को पसंद करती थी,और उनकी तरह बॉलीवुड में नाम कमाना चाहती थी, और उसके ही सपने देखती थी|

एक रमणीक लाल नाम का लकड़ा उसके पिता के यहाँ अकाउंटेंट का काम करने आता था और वो पहले मुंबई में रहता था| इसलिए गंगा ने उसके साथ दोस्ती कर ली और दोस्ती कब प्यार में बदल गयी उसको पता ही नहीं चला| घरवालें इस रिश्ते से नाराज़ थे, इसलिए 16 साल की गंगा रमणीक के साथ शादी करके मुंबई भाग गई, जो उसके सपनों का शहर था|

गंगूबाई कामाठीपुरा में

कुछ दिनों बाद रमणीक ने धोका दिया| उसने गंगा से कहा के कुछ दिनों के लिए वो उसके मौसी के घर पर रहे और गंगा उनके साथ चली गयी, पर वो रमणीक की मौसी नहीं बल्कि एक दलाल थी, जिसे महज 500/- रुपये के लिए रमणीक ने गंगा को बेचा था| और गंगा मुंबई के सबसे बड़े वेश्यालय ‘कामाठीपुरा’ में पहुंच गयी| गंगा ने वहा बहुत विरोध किया, वो रोइ चिल्लाई, पर उसे सुननेवाला वहाँ कोई नहीं था| उसकी जिंदगी अब नरक बन गयी थी|

उसने परिस्थिति स्वीकार कर ली| और गंगा हरजीवनदास ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ बन गयी| और वो वही पे रहने लगी|

एक दिन शौकत खान नाम पठान आया, लेकिन उसने गंगू से बहुत बुरा बर्ताव किया और बिना पैसे दिए ही वो चला गया| दूसरी बार भी वो आया और फिर से उसने गंगूबाई को मारा पीटा और इस बार तो गंगूबाई को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा| गंगूबाई ने भी फिर बदला लेने की ठान ली| गंगूबाई ने उसकी पूरी जानकारी निकाली, तब उसे पता चला के वो करीम लाला की गैंग का आदमी है|

उसके बाद वो सीधा करीम लाला से मिलने पहुंच गयी और उसको सब आप बीती बताई, और उनको राखी बांध के भाई बनाया| कुछ दिन बाद फिरसे शौकत खान गंगूबाई के कोठे पर पंहुचा, अब गंगूबाई ने करीम लाला को खबर पहुंचाई| करीम लाला ने वहां आकर सबके सामने उसको खूब मारा और पीटा के वो अर्धमरा हो गया| करीमलाला ने सबको धमकी दी कि अगर किसी ने गंगूबाई को हाथ लगाने की कोशिश की तो उसका अंजाम बुरा होगा| करीम लाला ने गंगूबाई को इंसाफ दिलाया| करीम लाला की बहन होने के कारण कामाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई|

गंगूबाई का आजु बाजु में रहने वाले इलाकों में भी दबदबा था| उन्होंने कभी किसी लड़की को उसकी मर्जी के ख़िलाफ़ कामाठीपुरा में नहीं रखा, किसी लड़की को जाना होता तो उनको वे जाने देती| वहा की सब लड़कियों का मेडिकल चेकअप करवाती थी, उनकी सेहत का ध्यान रखती थी| वृद्ध महिलाओं को ख़र्चे के लिए पेंशन देती थी| उनके इसी अच्छे काम के कारण सब लोग उन्हें मानते थे| कोई बड़े से बड़ा माफिया और डॉन उनकी मर्जी के बिना कामाठीपुरा में कदम नहीं रख सकता था|

गंगूबाई ने से*क्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया| उन्होंने कई बच्चो को गोद लिया और उनके शिक्षा और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी ली| वहाँ के बच्चों और लड़कियों के लिए वो ‘गंगूमाँ’ बन गयी थी| सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए उन्होंने मुंबई के आज़ाद मैदान में दिया भाषण तब के अखबारों में भी प्रसिद्ध हो गया था| इसलिये आज भी कमाठीपुरा के हर कोठे पर गंगूबाई की तस्वीर है| सब उन्हें माफ़िया क्वीन के नाम से भी जानते थे| ‘कामाठीपुरा’ के लड़कियों के अधिकार और हक़ के लिए वे तब के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से भी मिली और उनको प्रोपोज़ भी किया हालाँकि उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए ऐसा किया था|

2008 में उनकी मृत्यु एक साधारण व्यक्ति की तरह ही हुई थी| पर जब मृत्यु हुई भारत के सब कोठों पर मातम छाया हुआ था |

गंगा से लेके गंगूबाई फिर मुंबई की माफिया क्वीन बनने की असली कहानी आपको कैसी लगी कृपया कमेंट करके हमे जरूर बताए|

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here